मनुष्य के जीवन में चाहे आन्तरिक शत्रु जैसे काम, क्रोध, लोभ,मोह, अहंकार आदि हों या बाहर के शत्रु हों तो जीवन की गति थम सी जाती है और सैंकड़ों तथा हज़ारों के बीच में आपका अलग ही व्यक्तित्व हो कौड़ी लांघूँ आँगन लांघूँ, कोठी ऊपर महल छवाऊँ,गोरखनाथ सत्य यह भाखै, https://messiahwtkyl.59bloggers.com/32621264/5-essential-elements-for-shabar-mantra